Thursday, October 2, 2014

स्वच्छ हो भारत


भोजन नहीं किया था कब से,  पानी पीकर काम चले ।
यात्रा से कल रात ही लौटे, मोदी कहाँ विश्राम करे ॥

हाथ में अपने झाड़ू लेकर, मोदी जी श्रमदान करें ।
कहने से सुनता नहीं कोई, लोग, जो देखें, काम करें ॥

श्रेष्ठ पुरुष के आचरण को, अन्य लोग अपनाते हैं ।
वह जो प्रमाण कर देता है, वे उसको लक्ष्य बनाते हैं ॥

गीता का यह मन्त्र सरल है, कई लोग दोहराते हैं ।
दुर्लभ वे जो निज जीवन में, करके इसे दिखाते हैं ॥

है जीवन ही संदेश मेरा, गांधी के वाक्य सुने हमने ।
राष्ट्रपिता के जन्म दिवस पर, पूर्ण करें उनके सपने ॥

थूंके नहीं सड़क पर बिलकुल, नाक न अपनी साफ़ करें ।
तम्बाकू की, पान की, पीकें, आदत का उपचार करें ॥

गड्ढे भरें, न जल का संचय, ना मच्छर उत्पात करें ।
कूड़ेदान में कूड़ा डालें, आज से यह शुरुआत करें ॥

जो वस्तुएँ, नहीं उपयोगी, ढेर न उनका घर में लगाएं ।
धूल ढकी, कीटों की जनक ये, मुक्ति इनसे शीघ्र ही पाएं ॥

स्वच्छ वस्त्र पहने हम, अपना, वातावरण भी स्वच्छ रखें ।
स्वच्छ जलाशय, स्वच्छ हो मंदिर, घर, कार्यालय स्वच्छ रखें ॥

गांधी के इन वचनों को हम, करें स्मरण, आचार में लाएं ।
अधिकारों की भीड़ हो गई, कुछ कर्त्तव्य भी क्यों न निभाएं ॥

स्वच्छता हम गांधी से सीखें, थोड़ा सा तो प्रयास करें ।
स्वच्छ हो भारत, स्वस्थ हो भारत, आज नई शुरुआत करें ॥

8 comments:

  1. एक कबिता
    स्वच्छ भारत ये मिशन हमारा
    गाँव गाँव पहुंचा दीजै
    बाहर कोई शौच ना जाये
    जाकर के समझा दीजे

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  2. एक कबिता
    स्वच्छ भारत ये मिशन हमारा
    गाँव गाँव पहुंचा दीजै
    बाहर कोई शौच ना जाये
    जाकर के समझा दीजे

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  3. एक कबिता
    स्वच्छ भारत ये मिशन हमारा
    गाँव गाँव पहुंचा दीजै
    बाहर कोई शौच ना जाये
    जाकर के समझा दीजे

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  4. एक कबिता
    स्वच्छ भारत ये मिशन हमारा
    गाँव गाँव पहुंचा दीजै
    बाहर कोई शौच ना जाये
    जाकर के समझा दीजे

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  5. उठाओ झाडू,बोल दो हल्ला।
    निखर उठेगा,गली मौहल्ला।

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  6. आपकी लिखी रचना पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 24 फरवरी 2018 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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