Tuesday, March 5, 2013

क्या कभी दिन ये बदलेंगे

        

                हताशा है निराशा है, क्या कभी दिन ये बदलेंगे ।
                नहीं कोई निशाँ दिखता, जो बिगड़े हैं वे सुधरेंगे ।।
                भले ही लाख अपने को, भुलावा दें दिलासा दें ।
                जो पैरों पे कुल्हाड़ी दे, वो दुःख से कैसे उबरेंगे ।।

                समझ आता नहीं कैसे, ये हालत हो गयी इन की ।
                न कोई दीखता काबिल, कहें जिससे दशा मन की ।।
                भुलाए भूल ना पाते, यही वे लोग हैं प्यारे ।
                जिनके ऊपर भरोसा था, रखेंगे लाज वतन की ।।

                दोष दें भी तो किसको दें, सभी कहने को अपने हैं ।
                शत्रु भी जब इस मेले में, मित्र का वेश पहने हैं ।।
                सही है क्या गलत है क्या, नहीं कुछ फर्क दिखता है ।
                उजाला हो तो मालुम हो, सर्प हैं या फिर गहने हैं ।।

                जब अवसर था नहीं चेते, शर्म से सिर ये झुकता है ।
                जो अपने देश को लूटे, नहीं अब उनसे रिश्ता है ।
                जगाने पर नहीं जागे,  रहे सोये खयालों में ।
                उठो पगलों, धूप छाई, चलना अभी लंबा रस्ता है ।।

Sunday, March 3, 2013

मोदी उवाच

                                     
  मोदी को पहना कंठहार, जब राजनाथ जी गले मिले।
  नेतागणों को एक देख, भाजप वालों के कमल खिले ।।

  मोदी बोले, सुनो 'मित्रों', यह अभिवादन मुझे भाया है ।
  गुजरात की जनता जीती है, हमने इतिहास बनाया है ।।

  क्रिकेट कमेंटरी की तरह, इस सभा का प्रसारण हो रहा है।
  मैं संबोधित करता तुम्हें, पुजारा ऑस्ट्रेलिया को धो रहा है।।

  गरीब के घर चूल्हा न जले,  मंहगाई की उसको मार पड़े ।
  क्या दिल्ली तख़्त पर है कोई, इसका भी किसी को पता न चले ।।

  देश के लिए कुछ करने का, जज्बा कांग्रेस में है ही नहीं ।
  जब चीन कोरिया आगे बढे, इस देश को बढ़ने दिया नहीं ।।

  देशहितों को बलि चढ़ा, परिवार की पूजा होती है ।
  जब नाईट वाचमेन नेता हों,  तब देश की किस्मत सोती है ।। 

  पांच सितारा एक्टिविस्ट, टोला जब देश चलाता है ।
  परिवार छुपा रहता पीछे, पी एम न कुछ कर पाता है ।।

  परिवार को जिनसे खतरा था, उनका करियर कभी बन न सका ।
  कांग्रेस को छोड़ जो आगे बढा, वही सिंहासन पर बैठ सका ।।

  सार्वजनिक जीवन में कांग्रेस, दीमक बन के छाई है ।
  भाजप कार्यकर्ता का पसीना, इसकी एक दवाई है ।।

  देश की जनता ठान चुकी, कांग्रेस से मुक्ति पाना है ।
  योग्य हाथ में सत्ता पहुंचे,  हमको करके दिखाना है ।।

  हर भारतवासी के मन में, अरमान नए जगाने हैं ।
  सवासौ करोड़ को साथ में लेकर, किस्से नए बनाने हैं ।।

  खजाने को लुटाने भर को, आर्थिक सुधार नहीं कहते ।
  आर्थिक शक्ति बनने के सपने, इस सरकार ने नहीं देखे ।।

  प्रामाणिकता है स्वभाव देश का, इसे मजबूत बना सकते ।
  नीति आधारित व्यवस्था बना कर, भ्रष्टाचार मिटा सकते ।।

  भाजप के व्यवहार को देखो, झलक मिशन की दिखती है ।
  कांग्रेस की कार्यशैली में, कमीशन की झांकी मिलती है।।

  कांग्रेस से देश को मुक्ति दिलाना, राष्ट्र भक्ति का कार्य है ।
  सुराज्य स्थापित करने हेतु, करना यह अनिवार्य है ।।

  विकास समय की मांग है 'मित्रों',  सुशासन ही देता न्याय है 
  समस्याओं के समाधान का, विकास ही एक उपाय है ।।

  निराश देश को करने का, अधिकार हमें है मिला नहीं ।
  घना अँधेरा छाया है पर,  दिया जलाना मना नहीं ।।

  [based on Modi's speech in BJP's National Council Meet 2013]